वसंत ऋतू में आम के पेड़ो पे मंजर लगने शुरू हो जाते हैं। लेकिन मंजर लगने के साथ कई प्रकार के कीटों एवं रोगों का प्रकोप भी बढ़ने लगता है। इस वजह से हमे आम के पेड़ो एवं बागों पे विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर हम इसपे ध्यान ना दे तो ये हमारी आम की फसल को बरबाद कर सकती है। हम आप को आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए कुछ जरूरी कार्यों की जानकारी ले कर आए हैं। हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई बातों पर अमल कर के आप निश्चित ही आम की बेहतर फसल प्राप्त कर सकेंगे। आइए आम की बागवानी में इस समय किए जाने वाले कुछ जरूरी कार्यों की जानकारी पर विस्तार से चर्चा करें।
- 10 से 12 दिनों के अंतराल पर मध्य मार्च से वर्षा ऋतू के शुरू होने तक आम के वृक्षों में सिंचाई करें। इससे नए कल्ले सूखने से बचेंगे एवं शाखाओं की वृद्धि होगी।
- बगीचों की नियमित रूप से सफाई करें। बाग में खरपतवारों पर नियंत्रण करें।
- मार्च महीने में आम के पेड़ों में मंजर आ जाते हैं। मंजर आने के बाद रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग न करें।
- मंजर गिरने की समस्या और कीटों को खाने से रोकने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें।
- आम के बाग में मधुमक्खियों का बक्सा रखें। इससे परागण में आसानी होती है।
- इस मौसम में पेड़ों में कई तरह के रोगों के होने का डर बना रहता है। इसलिए समय समय पे बागों की निगरानी करते रहें।
- 2 ग्राम घुलनशील गंधक (सल्फर) प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें यदि मंजरों में पाउडरी मिल्ड्यू रोग लग जाने पे।
- आम के पेड़ अगर गुच्छा रोग से प्रभावित हो तो मंजर को तोड़ कर नष्ट कर दें ।