एफएमसी अथॉरिटी एनएक्सटी एक प्री-इमर्जेंट हर्बिसाइड है जिसे गन्ने और सोयाबीन में चौड़ी पत्ती और घास के खरपतवारों के प्रभावी नियंत्रण के लिए तैयार किया गया है। यह सल्फेंट्राजोन और क्लोमाजोन का प्रीमिक्स है, जो लंबे समय तक चलने वाले अवशिष्ट नियंत्रण के लिए दोहरे मोड की कार्रवाई प्रदान करता है। सल्फेंट्राजोन (पीपीओ अवरोधक) खरपतवार कोशिका झिल्ली को बाधित करता है, जबकि क्लोमाजोन (कैरोटेनॉयड बायोसिंथेसिस अवरोधक) क्लोरोफिल उत्पादन को बाधित करके खरपतवार की वृद्धि को रोकता है। यह चयनात्मक और प्रणालीगत हर्बिसाइड व्यापक स्पेक्ट्रम नियंत्रण प्रदान करता है, जो इसे प्रतिरोधी खरपतवार प्रबंधन के लिए एक आदर्श समाधान बनाता है।
विशेष विवरण:
पैरामीटर | विवरण |
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ब्रांड | एफएमसी प्राधिकरण एनएक्सटी |
तकनीकी नाम | सल्फेंट्राजोन + क्लोमाजोन |
सूत्रीकरण | तरल प्रीमिक्स |
कार्रवाई की विधी | पीपीओ अवरोधक (सल्फेंट्राजोन) और कैरोटीनॉयड जैवसंश्लेषण अवरोधक (क्लोमाजोन) |
लक्ष्य खरपतवार | वाटरहेम्प, पामर ऐमारैंथ, पिगवीड, ब्लैक नाइटशेड, कोचिया, रशियन थीस्ल, मॉर्निंगग्लोरीज, स्मार्टवीड, फॉक्सटेल, बार्नयार्डग्रास, फॉल पैनिकम |
अनुशंसित फसलें | गन्ना, सोयाबीन, सूरजमुखी, सूखी मटर |
मात्रा बनाने की विधि | 500 ग्राम प्रति एकड़ |
आवेदन विधि | पूर्व-उद्भव मृदा अनुप्रयोग |
अवशिष्ट प्रभाव | दीर्घकालिक खरपतवार नियंत्रण |
अनुकूलता | एकीकृत खरपतवार प्रबंधन कार्यक्रमों के साथ अच्छी तरह से काम करता है |
मुख्य विशेषताएं एवं लाभ:
- दोहरी कार्य-प्रणाली:
- सल्फेंट्राजोन: पीपीओ अवरोधक जो खरपतवार कोशिका झिल्ली को बाधित करता है।
- क्लोमाजोन: क्लोरोफिल उत्पादन को रोकता है, खरपतवार की वृद्धि को रोकता है।
- चयनात्मक एवं प्रणालीगत शाकनाशी: फसलों को नुकसान पहुंचाए बिना खरपतवारों को लक्षित करता है।
- व्यापक-स्पेक्ट्रम खरपतवार नियंत्रण: व्यापक-पत्ती और घास वाले खरपतवारों दोनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करता है।
- दीर्घकालिक अवशिष्ट प्रभाव: विस्तारित खरपतवार दमन सुनिश्चित करता है, जिससे कई अनुप्रयोगों की आवश्यकता कम हो जाती है।
- कोई क्रॉस-प्रतिरोध नहीं: अन्य शाकनाशी वर्गों के विपरीत, यह खरपतवारों में प्रतिरोध विकास को विलंबित करने में मदद करता है।
- लागत प्रभावी समाधान: कम अनुप्रयोग दर के साथ बेहतर खरपतवार नियंत्रण प्रदान करता है।
- कई फसलों के साथ संगत: गन्ना, सोयाबीन, सूरजमुखी, और सूखी मटर में कुशलता से काम करता है।
अनुप्रयोग एवं उपयोग:
- विधि: खरपतवार के अंकुरण से पहले मिट्टी में पूर्व-उभरन का प्रयोग।
- समय: सर्वोत्तम परिणामों के लिए खरपतवार उगने से पहले या उसके आरंभिक समय पर छिड़काव करें।
- मात्रा: 500 ग्राम प्रति एकड़ .
- सावधानियां:
- अत्यधिक हवा की स्थिति में इसका प्रयोग न करें।
- अधिकतम प्रभावकारिता के लिए मिट्टी की एक समान नमी सुनिश्चित करें।
- सीधे सूर्य की रोशनी से दूर , ठंडी, सूखी जगह में रखें।