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हेलिकोवर्पा आर्मिगेरा ल्यूर के साथ फनल ट्रैप को कपास के बॉलवर्म को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, यह एक ऐसा कीट है जो कपास, चना, अरहर (कबूतर मटर), सोयाबीन, मक्का, मटर और भिंडी सहित कई फसलों के लिए एक बड़ा खतरा है। ये जाल उन किसानों के लिए एक व्यावहारिक समाधान हैं जो कीटों की आबादी को कुशलतापूर्वक और आर्थिक रूप से प्रबंधित करना चाहते हैं।
विनिर्देश | विवरण |
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कीट लक्षित | हेलिकोवर्पा आर्मिजेरा (कॉटन बॉलवर्म) |
लागत प्रभावशीलता | सस्ती और रखरखाव में आसान |
अनुशंसित मात्रा | प्रति एकड़ 10 जाल |
उपयुक्त फसलें | कपास, चना, अरहर, सोयाबीन, मक्का, मटर, भिंडी |
हेलिकोवर्पा आर्मिजेरा ल्यूर के साथ फनल ट्रैप कैसे काम करते हैं?
जाल में एक खास तरह का लालच दिया जाता है जो हेलिकोवर्पा आर्मिगेरा को आकर्षित करने वाले फेरोमोन उत्सर्जित करता है, जिसे कपास की बॉलवर्म के नाम से भी जाना जाता है। एक बार जब कीट जाल में घुस जाते हैं, तो वे बच नहीं पाते, जिससे उनकी आबादी और फसलों को होने वाले संभावित नुकसान में प्रभावी रूप से कमी आती है।
प्रति एकड़ कितने जाल का उपयोग किया जाना चाहिए?
आपके खेतों में कीटों की आबादी की प्रभावी निगरानी और कवरेज सुनिश्चित करने के लिए प्रति एकड़ 10 जालों का उपयोग करने की सिफारिश की जाती है।
क्या इन जालों का उपयोग जैविक खेती के लिए किया जा सकता है?
हां, ये जाल कीट नियंत्रण की एक यांत्रिक विधि प्रदान करते हैं जिसमें रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग नहीं होता है, जिससे ये जैविक कृषि पद्धतियों के लिए उपयुक्त होते हैं।
क्या ये जाल पुनः उपयोग योग्य हैं?
हां, जाल टिकाऊ होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और उनका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए समय-समय पर लालच को बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
ये जाल किस फसल के लिए उपयुक्त हैं?
ये जाल हेलिकोवर्पा आर्मीजेरा के प्रति संवेदनशील विभिन्न फसलों के लिए उपयुक्त हैं, जिनमें कपास, चना, अरहर, सोयाबीन, मक्का, मटर और भिंडी शामिल हैं।