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कात्यायनी कैलसोल एक जैवउर्वरक है जिसे पौधों में कैल्शियम की उपलब्धता बढ़ाने, उपज और उत्पादन की गुणवत्ता दोनों में सुधार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह घोल मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करके और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करके स्वस्थ पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है। सूखे और गर्मी जैसी तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करने की पौधे की क्षमता को बढ़ाकर, कात्यायनी कैलसोल बेहतर विकास और उत्पादकता सुनिश्चित करता है, जिससे यह टिकाऊ खेती प्रथाओं के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाता है।
गुण | विवरण |
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ब्रांड | कात्यायनी |
विविधता | कैलसोल समाधान |
पत्तियों पर प्रयोग | 2-3 मिली प्रति लीटर पानी |
मृदा अनुप्रयोग | 5-10 मिली प्रति लीटर पानी |
उपयोग | कैल्शियम की उपलब्धता में सुधार करता है |
फ़ायदे | फसल की उपज और गुणवत्ता में वृद्धि, मृदा स्वास्थ्य में सुधार |
आवेदन का प्रकार | मात्रा बनाने की विधि |
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पत्तियों पर प्रयोग | 2-3 मिली प्रति लीटर पानी |
मृदा अनुप्रयोग | 5-10 मिली प्रति लीटर पानी |
प्रश्न: कात्यायनी कैल्सोल कैल्शियम की उपलब्धता में कैसे सुधार करता है?
उत्तर: कैल्सोल में कैल्शियम-घुलनशील बैक्टीरिया होते हैं जो पौधों के लिए कैल्शियम को अधिक सुलभ बनाते हैं, जिससे पौधों की समग्र वृद्धि और उपज में वृद्धि होती है।
प्रश्न: क्या मैं सभी फसलों के लिए कात्यायनी कालसोल का उपयोग कर सकता हूं?
उत्तर: हां, कैल्सोल का उपयोग विभिन्न फसलों में कैल्शियम की उपलब्धता बढ़ाने और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।
प्रश्न: कैलसोल को कितनी बार लगाया जाना चाहिए?
उत्तर: इसे बढ़ते मौसम के शुरू में लगाया जा सकता है तथा मृदा की स्थिति और फसल की जरूरतों के आधार पर दोबारा लगाया जा सकता है।
प्रश्न: क्या कात्यायनी कालसोल रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को कम करता है?
उत्तर: हां, इससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलती है, तथा अधिक टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलता है।
प्रश्न: क्या कैलसोल जैविक खेती के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: हां, यह जैविक कृषि प्रणालियों में उपयोग के लिए आदर्श है और यह खाद बनाने और फसल चक्र जैसी प्रथाओं के साथ अच्छी तरह से काम करता है।