UPL रैटोल एक तेज़-अभिनय और अत्यधिक प्रभावी कृंतकनाशक है जिसे जिंक फॉस्फाइड 80% के साथ तैयार किया गया है। यह कृन्तकों में माइटोकॉन्ड्रियल श्वसन को बाधित करता है, जिससे खेत के चूहों, चूहों और अन्य हानिकारक कीटों का त्वरित उन्मूलन सुनिश्चित होता है। उपयोग में आसान, रैटोल को चारा सामग्री के साथ मिलाया जाता है और कृषि क्षेत्रों, गोदामों और भंडारण क्षेत्रों में कृंतक संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए रणनीतिक रूप से रखा जाता है।
उत्पाद विनिर्देश
विनिर्देश | विवरण |
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ब्रांड | यूपीएल लिमिटेड |
प्रोडक्ट का नाम | रटोल |
तकनीकी नाम | जिंक फॉस्फाइड 80% |
कार्रवाई की विधी | माइटोकॉन्ड्रियल श्वसन को बाधित करता है |
लक्ष्य कीट | खेत के चूहे, चूहे, हानिकारक कृंतक |
आवेदन विधि | उत्पीड़न |
उपयोग आवृत्ति | प्रत्येक 2 सप्ताह में एक बार (यदि आवश्यक हो) |
अनुशंसित खुराक | 100 ग्राम चारा सामग्री के साथ अच्छी तरह मिलाएं |
प्रभाव | त्वरित कार्रवाई |
मुख्य विशेषताएं और लाभ
- तेजी से कार्य करने वाला और शक्तिशाली : यह कम समय में ही कृंतकों के आक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करता है।
- उपयोग में आसान : कुशल अनुप्रयोग के लिए सरल मिश्रण और चारा प्रक्रिया।
- दीर्घकालिक नियंत्रण : एक बार का चारा डालना आमतौर पर पर्याप्त होता है, तथा आवश्यकता होने पर ही पुनः प्रयोग किया जाता है।
- बहुमुखी अनुप्रयोग : कृषि क्षेत्रों, गोदामों और भंडारण क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।
- फसल एवं भण्डारण क्षति को रोकता है : मूल्यवान अनाज एवं फसलों को कृन्तकों से बचाने में मदद करता है।
आवेदन
- चारा तैयार करें : रैटोल को 100 ग्राम चारा सामग्री (जैसे अनाज या कृन्तकों द्वारा पसंद किया जाने वाला भोजन) के साथ अच्छी तरह मिलाएं।
- रणनीतिक स्थान : जहरीला चारा उस स्थान पर रखें जहां चूहों ने पहले जहर रहित चारा खाया हो।
- सुरक्षा सावधानियां : सुनिश्चित करें कि चारा पालतू पशुओं की पहुंच से दूर हो।
- प्रयोग के बाद के उपाय : एक दिन बाद बचा हुआ चारा हटा दें और जमीन में गाड़ दें।
- यदि आवश्यक हो तो दोहराएं : यदि कृंतक गतिविधि जारी रहती है, तो 2 सप्ताह के बाद चारा डालना दोहराएं।